Bollywood Box Office ko 2024 me Jhatka

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है जब दर्शको का इंटरेस्ट एक भाषा या क्षेत्र विशेष की फिल्मो की तरफ अधिक बढ़ गया है। आज भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। Bollywood Box Office, जो हमेशा से भारतीय फिल्मो उद्योग का केंद्र बिंदु रहा है, अब साउथ की फिल्मो के आगे संघर्ष करता दिखाई दे रहा है।

Bollywood Box Office को झटका: साउथ की फिल्मे बनी दर्शको की पहली पसंद।

साउथ की फिल्मे कर रही है अच्छा प्रदर्शन, जबकि हिंदी फिल्मो का प्रदर्शन सबसे निचले पायदान पर चला गया है। आज हिंदी फिल्मो में वो पहले वाली रूचि नहीं रही जब Bollywood Box Office खचा-खच दर्शको से भरा रहता था।

ऑरमैक्स मीडिआ द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार, साउथ इंडियन फिल्मो ने बोक्ष ऑफिस कलेक्शन पर अपना दबदबा बनाए रखा है। जबकि Bollywood Box Office कोई खास कारनामा करने में सफल नहीं हो पाया है। Bollywood Box Office कलेक्शन 2024 में 13 प्रतिशत घटकर 1.5 करोड़ रूपए रह गया है।

साउथ इंडियन फिल्म उद्योग Bollywood फिल्मो से भी आगे:

उल्लेखनीय है की हिंदी सिनेमा के कुल कलेक्शन का 31 प्रतिशत हिस्सा साउथ इंडियन फिल्मो के डब संश्करणो से आता है।  अगर हम मूल हिंदी फिल्मो की गिनती करे तो Bollywood Box Office कलेक्शन में 37 प्रतिशत की कमी आयी है।

ये आकड़े बताते है की Bollywood Box Office की मौजूदा स्थिति क्या है। इंडियन फिल्म जगत में बॉलीवुड फिल्मो का हमेशा से दबदबा रहा है, पर आज की कहानी कुछ और ही बयां करती है।

साउथ की फिल्मों का उभरता साम्राज्य:

साउथ इंडियन सिनेमा, जिसमें तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्में शामिल हैं, आज अपने कंटेंट, विजुअल इफेक्ट्स, और दमदार कहानी के कारण देशभर में छा रहा है। हाल के वर्षों में, “बाहुबली”, “केजीएफ”, “पुष्पा” और “आरआरआर” जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जो रिकॉर्ड तोड़े, उसने साउथ फिल्मों को एक अलग ही ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

इन फिल्मों ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शानदार कमाई की है। उदाहरण के तौर पर, एसएस राजामौली की “आरआरआर” ने न केवल ऑस्कर में जगह बनाई बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय सिनेमा का परचम लहराया।

आज साउथ की फिल्मो की बोलबाला है। दर्शक बॉलीवुड के मुकाबल साउथ की फिल्में देखना ज्यादा पसंद करते हैं। साउथ फिल्म इंडस्ट्री आज आसमान की ऊंचाईया छू रही है।

पुष्पा-2, कल्कि 2898 ई. ने की रिकॉर्ड कमाई

साल 2024 में तेलुगु एक्शन थ्रिलर ‘पुष्पा द रूल: पार्ट 2’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरडुपर हिट फिल्म रही है। इस फिल्म ने अब तक 1400 करोड़ रुपये कमाए हैं। जबकि इसके हिंदी संस्करण की कीमत 250 करोड़ रुपये है। इसने 890 बिलियन डॉलर कमाए, जिससे यह सबसे अधिक कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म बन गई।

इसके अलावा एक और तेलुगू साइंस फिक्शन फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ 1.5 करोड़ रुपये में रिलीज हुई है। यह 775 करोड़ रुपये की कमाई के साथ दूसरी रिकॉर्ड तोड़ने वाली फिल्म थी।

मुंबई स्थित ऑरमैक्स मीडिया के आंकड़ों के अनुसार, पुष्पा द रूल: पार्ट 2 और कल्कि 2898 ई. की अगुवाई में दक्षिण भारतीय फिल्में 2024 में भारत के बॉक्स ऑफिस पर शीर्ष पर रहीं, जिसने हिंदी भाषा के सिनेमा की प्राप्तियों में गिरावट की भरपाई की।

वर्ष का कुल बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे अधिक था – $1.38BN (118.3BN) पर आया, जो 2023 में $1.42BN (122.3BN) से 3.2% की गिरावट है, जो रिकॉर्ड पर उच्चतम वर्ष है। हिंदी फिल्मों ने कुल बॉक्स ऑफिस का 40% हिस्सा लिया, इसके बाद तेलुगु फिल्मों ने 20%, तमिल ने 15%, मलयालम ने 10%, हॉलीवुड ने 8% और कन्नड़ भाषा की फिल्मों ने 3% हिस्सा लिया।

हालांकि, हिंदी फिल्मों का कुल बॉक्स ऑफिस 2023 में $625.3M (53.8 बिलियन रुपये) से 13% घटकर 2024 में $543.9M (46.8 बिलियन रुपये) हो गया – इस साल शाहरुख खान की हिट जवान और पठान सबसे आगे रहीं। ऑरमैक्स ने नोट किया कि हिंदी सिनेमा के 31% कलेक्शन दक्षिण भारतीय फिल्मों के डब संस्करणों से आए।

बॉलीवुड: समस्याएं और संघर्ष

Bollywood Film industry, जो कभी मनोरंजन का प्रमुख स्रोत माना जाता था, हाल के वर्षों में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। जिसका बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर बहुत ही बड़ा असर पड़ा है।इसकी प्रमुख वजहें हैं:

1. रीमेक फिल्मों पर निर्भरता: मौलिकता की कमी और लगातार रीमेक फिल्मों के निर्माण ने दर्शकों को निराश किया है।

2. कहानी में नवीनता की कमी: साउथ फिल्मों की दमदार स्क्रिप्ट और मनोरंजक कहानी ने बॉलीवुड की कमजोर                           कहानियों को उजागर कर दिया है।
3. बड़े बजट लेकिन कमजोर कंटेंट: बॉलीवुड में अक्सर बड़े स्टार्स और भारी बजट के बावजूद फिल्में दर्शकों को बांधने में              असफल रहती हैं।

4. ओटीटी प्लेटफॉर्म का प्रभाव: दर्शकों को अब बेहतर विकल्प ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर मिल रहे हैं, जहां साउथ की फिल्में               भी आसानी से उपलब्ध हैं।

अगर केवल मूल हिंदी भाषा की फिल्मों पर विचार किया जाए, तो Bollywood Film industry में 37% की भारी गिरावट आई हैं।” तेलुगु एक्शन थ्रिलर पुष्पा द रूल: पार्ट 2 2024 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी, जिसका सकल बॉक्स ऑफिस $163M (14 बिलियन रुपये) था। इसके डब हिंदी संस्करण ने $103M (8.9 बिलियन रुपये) हासिल किए, जिसने अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली ‘हिंदी’ फिल्म के रूप में एक नया रिकॉर्ड बनाया।

दर्शकों की बदलती पसंद:

साउथ की फिल्मों ने दर्शकों को नायकत्व, इमोशन और एक्शन का परफेक्ट मिश्रण दिया है। आज दर्शकों को बॉलीवुड फिल्मों से ज्यादा साउथ की फिल्में ज्यादा पसंद आती हैं इसका करणहम यह भी बोल सकते हैं कि साउथ की फिल्मों में कहानी दमदार होती है, कॉमेडी, एक्शन, ड्रामा, विजन बहुत बढ़िया धग पिरोया se होता है। साथ ही, इन फिल्मों की कहानी में स्थानीयता और ग्लोबल अपील का अनूठा संतुलन देखने को मिलता है।

उदाहरण के तौर पर, “पुष्पा: द राइज” का डायलॉग “झुकेगा नहीं” आज भी दर्शकों की जुबान पर है। वहीं, “केजीएफ” का यश का किरदार दर्शकों के दिलों में जगह बना चुका है।

India Film industry Assortment:

ओटीटी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दूसरी बार रिकॉर्ड कमाई करने में कामयाब रही है। भारतीय बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 2024 रु. 11833 करोड़ रुपए का कलेक्शन दर्ज किया गया है, लेकिन इस रिकॉर्ड कलेक्शन में सबसे बड़ा योगदान बॉलीवुड का नहीं बल्कि साउथ की फिल्म पुष्पा-2 और कल्कि का है।

इस प्रकार एक बार फिर साउथ की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड को पछाड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि 2023 में कुल Bollywood Film industry कलेक्शन रु. 12,226 करोड़ रुपये था, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 3.2 प्रतिशत घट गया है।

कुल Bollywood Box Office कलेक्शन में हिंदी फिल्मों का योगदान 40 प्रतिशत, तेलुगु फिल्मों का 20 प्रतिशत, तमिल का 15 प्रतिशत, मलयालम का 10 प्रतिशत, हॉलीवुड का 8 प्रतिशत और कन्नड़ का 3 प्रतिशत रहा।

बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली टॉप 5 फिल्मों में दो बॉलीवुड फिल्में

 फिल्म उद्योग संग्रह

पुष्पा-2 तेलुगु। 1400 करोड़ रूपए

कल्कि 2898 तेलुगु. 775 करोड़ रूपए

स्त्री-2 Bollywood 698 करोड़ रूपए

देवरा-भाग 1 तेलुगु. 345 करोड़ रुपए

भूल भुलैया-2 बॉलीवुड रु. 310 करोड़ रूपए

2024 Hollywood के लिए भी निराशाजनक वर्ष रहा है।

2024 में हॉलीवुड फिल्मों ने भारत से ज्यादा कमाई नहीं की। 2015 के बाद पहली बार इसका राजस्व 17 प्रतिशत घटकर 10,000 रुपये रह गया। यह 1000 करोड़ रुपये से घटकर 940 करोड़ रुपये हो गया है।

किसी भी हॉलीवुड फिल्म, जिसकी भारतीय फिल्म उद्योग में 8 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने लगातार दूसरे वर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई नहीं की है। यह 200 करोड़ रुपये या उससे अधिक नहीं कमा सकी। लायन किंग 2024 की सबसे अधिक कमाई करने वाली एकल फिल्म बनी हुई है, जिसकी कमाई 20.7 मिलियन डॉलर है।

हॉलीवुड फिल्मों के लिए बॉक्स ऑफिस पर 17% की गिरावट आई और यह 2024 में $109.4M (9.4BN रुपये) और 8% बाजार हिस्सेदारी पर आ गई, जबकि पिछले साल यह $132.4M (11.4BN रुपये) और 9% हिस्सेदारी थी।

मुफासा: द लायन किंग साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हॉलीवुड फिल्म थी, जिसने $20.7M की कमाई की और पूरे साल के अंत के चार्ट में 11वें स्थान पर रही।

मलयालम सिनेमा के लिए यह साल मजबूत रहा, इसकी बाजार हिस्सेदारी 2023 में 5% से दोगुनी होकर 2024 में 10% हो गई और पहली बार 10BN ($116M) का आंकड़ा पार कर गया। सर्वाइवल थ्रिलर मंजुम्मेल बॉयज सबसे बड़ी मलयालम फिल्म थी, जिसने $19.8M की कमाई की इस बीच, तमिल और तेलुगु ने 2023 की तुलना में मामूली अंतर के साथ अपना बॉक्स ऑफिस शेयर बनाए रखा।

2023 की तरह, पिछले साल भी उच्च औसत टिकट कीमतों ने बॉक्स ऑफिस को उछाल दिया, क्योंकि प्रवेश 883 मिलियन तक गिर गया, जो 2023 की तुलना में 6% की गिरावट और 2019 के पूर्व-महामारी वर्ष की तुलना में 14% कम है। 2024 में औसत टिकट की कीमत 134 रुपये थी, जो 2023 में 130 रुपये के समान थी, लेकिन 2019 में 106 रुपये के औसत से 26% अधिक थी।

क्या बॉलीवुड की वापसी संभव है?

बॉलीवुड के लिए यह समय आत्ममंथन का है। कुछ सुधार जो बॉलीवुड को दोबारा शीर्ष पर ले जा सकते हैं:

1. मौलिक कहानियों पर जोर: नई और ओरिजिनल कहानियों पर काम करना जरूरी है।

2. टैलेंटेड स्क्रिप्ट राइटर्स को मौका: बड़े बजट के साथ अच्छी स्क्रिप्ट का मेल ही दर्शकों को सिनेमाघरों तक ला सकता है।

3. नई पीढ़ी के एक्टर्स और निर्देशकों को बढ़ावा: साउथ के उभरते सितारों और निर्देशकों ने साबित किया है कि टैलेंट                       किसी भी इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
4. दर्शकों की पसंद का सम्मान: दर्शकों की बदलती पसंद और उनकी मांग को समझकर फिल्म निर्माण करना होगा।

निष्कर्ष

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय फिल्म उद्योग में प्रतिस्पर्धा ने इसे और अधिक रचनात्मक और मजबूत बनाया है। साउथ की फिल्मों का बढ़ता वर्चस्व Bollywood के लिए एक सबक है। अगर बॉलीवुड इन चुनौतियों को स्वीकार कर अपनी कमियों को दूर करे, तो वह भी उसी बुलंदी पर वापस पहुंच सकता है जहां वह पहले था।

भारतीय सिनेमा का असली विजेता वह होगा जो दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरे। आखिरकार, दर्शकों का प्यार और समर्थन ही किसी भी फिल्म इंडस्ट्री की असली ताकत है।

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