Vaibhav Suryavanshi IPL 2025 करोड़पति बनते ही विवादों में फसे।

Vaibhav Suryavanshi IPL 2025 करोड़पति बनते ही विवादों में फसे। आईपीएल नीलामी में 13 साल के वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। इस खिलाड़ी का बेस प्राइस 30 लाख रुपये था और वह अपने बेस प्राइस से लगभग चार गुना ज्यादा दाम पर बिके।

Vaibhav Suryavanshi IPL 2025 में करोड़पति बनते ही विवादों में फसे, उनकी उम्र पर उठे सवाल, पिता बोले- किसी से नहीं डरते

बिहार के युवा बल्लेबाज 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपए में खरीदा है। द्रविड़ ने कहा कि जब वैभव ट्रायल देने के लिए राजस्थान रॉयल्स के कैंप में आए थे, तभी से राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी की नजरें इस युवा खिलाड़ी पर थीं।

IPL 2025 के लिए संपन्न हुई दो दिवसीय मेगा नीलामी में बाएं हाथ के 13 वर्षीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी इस लीग की इतिहास के सबसे युवा करोड़पति बन गए। बिहार के रहने वाले वैभव को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपए में खरीदा, जबकि उनका बेस प्राइस 30 लाख रुपए था। दरअसल, वैभव पर दांव लगाने के बारे में राजस्थान रॉयल्स ने पहले ही सोच लिया था, क्योंकि इस युवा बल्लेबाज पर टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की नजरें काफी पहले से थीं। द्रविड़ की सलाह पर ही फ्रेंचाइजी ने इस युवा बल्लेबाज पर दांव लगाया।

13 वर्षीय वैभव पर थी राहुल द्रविड़ की नजर, ट्रायल्स के दौरान ही ठान ली थी दांव लगाने की

द्रविड़ बोले- इस युवा में आगे बढ़ने की संभावनाएं

नीलामी प्रक्रिया के बाद द्रविड़ ने कहा कि जब वैभव ट्रायल देने के लिए राजस्थान रॉयल्स के कैंप में आए थे, तभी से राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी की नजरें इस युवा खिलाड़ी पर थीं। ट्रायल के दौरान उसने सभी को प्रभावित किया था। मेरा मानना है कि वैभव के अंदर काफी अच्छी स्किल हैं और आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। उसके विकास के लिए यहां का माहौल काफी अच्छा होगा।

 

बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने लिया था ट्रायल

राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाजी को विक्रम राठौड़ ने वैभव का नागपुर में ट्रायल लिया था। इस दौरान राठौड़ ने वैभव से कहा कि मान लो टीम को जीतने के लिए एक ओवर में 17 रन चाहिए। अब आप टीम को कैसे जिताओगे। इस ओवर में वैभव ने एक छक्का और तीन चौके लगाए। इससे राठौड़ काफी प्रभावित हुए।

अपने पहले अंडर-19 मैच में जड़ा था तूफानी शतक

वैभव ने पिछले साल सिर्फ 12 साल की उम्र में बिहार टीम में पदार्पण किया था। उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में करीब 400 रन बनाए।

2024 में ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ इंडिया-ए टीम में जगह मिली। अपने पहले अंडर-19 मैच में 104 रन की पारी खेली।

2024 में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया। इसी साल आइपीएल नीलामी में पहली बार उतरे।

बचपन के कोच बोले, पैसा नहीं सिर्फ खेल पर फोकस

वैभव के बचपन के कोच ब्रजेश झा ने कहा कि यह हम सभी के लिए बेहद खुशी के पल हैं। उन्होंने कहा, आइपीएल ऐसा मुकाम है, जहां वैभव को दुनियाभर के शीर्ष खिलाडिय़ों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। इससे उनके खेल में सुधार होगा। जहां तक पैसों की बात है तो मेरी उससे बात हुई है और उसका फोकस सिर्फ खेल पर है।

एक लोकप्रिय भोजपुरी ब्लॉकबस्टर सिंगर का गाना ‘जिया हो बिहार के लाला’, बिहार के समस्तीपुर जिले से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित ताजीपुर में 12 वर्षीय क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के गांव के आसपास बजना शुरू हुआ। बिहार के लिए उनके प्रथम श्रेणी पदार्पण की खबर तेजी से फैली, जिससे पड़ोसी और रिश्तेदार वैभव के घर पर आ गए

लंबे शॉट मारने में माहिर

ब्रजेश झा ने कहा, वैभव आक्रामक बल्लेबाज है और वह 10-11 साल की उम्र में भी सीनियर लडक़ों के साथ खेलता था। उसके शॉट काफी कडक़ और लंबे होते हैं। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ रही है, उसका शरीर भी मजबूत हो रहा है। इससे उसके शॉट और ज्यादा पावरफुल हो रहे हैं।

बेटे के लिए पिता ने बेच दी थी जमीन

वैभव को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता संजीव सूर्यवंशी का अहम योगदान रहा है। वह खुद स्थानीय स्तर पर क्रिकेट खेल चुके हैं। उनका सपना अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने का था, जो पूरा हो गया है। उन्होंने कहा, आपको क्या बताएं, हमने तो अपना जमीन तक बेच दिया। अभी भी हमारी हालत में सुधार नहीं हुआ है, लेकिन हम इस बात से काफी खुश हैं कि हमारा सपना पूरा हो गया।

वैभव सूर्यवंशी की उम्र  10 वर्ष थी, पिता संजीव ने उस दौरान ही ठान लिया था कि उन्हें अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना है। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जमीन बेच दी, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि तीन वर्ष के अंदर ही उनका बेटा उनके सपने को पूरा कर देगा।

आईपीएल की बोली में 13 वर्ष के वैभव को 1.10 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने अपने साथ जोड़ लिया। आईपीएल के इतिहास में वैभव किसी भी टीम से जुड़ने वाले सबसे युवा क्रिकेट बन गए। हालांकि, इस युवा क्रिकेटर के करोड़पति बनते ही विवाद शुरू हो गया। उनकी उम्र को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हालांकि, वैभव के पिता ने आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है और कहा है कि वह किसी से नहीं डरते और जो भी जानकारी दी गई है, वह सही है।

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अपने बचपन के कोच बृजेश झा के साथ वैभव सूर्यवंशी

समस्तीपुर से 15 किलोमीटर दूर मोतीपुर गांव में खेती योग्य जमीन को बेचने वाले संजीव के पास बेटे को राजस्थान की ओर से लिए जाने के बाद कोई शब्द नहीं हैं। वह कहते हैं कि वैभव अब उनका बेटा नहीं बल्कि पूरे बिहार का बेटा है।

संजीव के मुताबिक उनके बेटे ने आठ वर्ष की उम्र में ही कठिन मेहनत की और जिले के अंडर-16 ट्रायल में सफलता हासिल की। वह बेटे को कोचिंग के लिए समस्तीपुर ले गए, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपनी जमीन बेच दी।

संजीव बताते हैं कि हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं। वैभव की उम्र संबंधी विवादों पर संजीव कहते हैं कि जब वह साढ़े आठ साल का था तो बीसीसीआई की ओर से उसकी हड्डियों का टेस्ट हुआ था। वह कहते हैं कि उन्हें इस बारे में किसी का डर नहीं है। हम आगे भी किसी टेस्ट तक जा सकते हैं। वैभव की उम्र को 15 साल का बताया जाता है। संजीव के मुताबिक राजस्थान ने वैभव को नागपुर में ट्रायल के लिए बुलाया था।

घरेलू क्रिकेट में धमाल मचा चुके

वैभव घरेलू सर्किट में काफी धमाल मचा चुके हैं। इस बाएं हाथ के बल्लेबाजी ने बहुत कम उम्र में ही अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है। जनवरी 2024 में बिहार के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू करने के बाद, सूर्यवंशी ने सितंबर भारत U19 बनाम ऑस्ट्रेलिया U19 यूथ टेस्ट सीरीज के दौरान एक शानदार शतक के साथ सभी का ध्यान आकर्षित किया था। सूर्यवंशी आगामी अंडर-19 एशिया कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

जैसे ही सूर्यवंशी सुर्खियां बटोर रहा है, आइए जानें उसकी यात्रा के बारे में और कैसे उसने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए यूथ टेस्ट में अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज होने की उपलब्धि हासिल की।

हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीमों के बीच दो मैचों की अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज खेली गई थी। इसमें बिहार के लाल ने महज 58 गेंदों में शतक जड़ा था।

अब वह इंग्लैंड के बल्लेबाज मोईन अली से महज सिर्फ एक स्थान पीछे हैं। उन्होंने 2005 में अंडर-19 में 56 गेंदों में शतक जड़ा था। इसी के साथ वैभव ने अंडर-19 टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड बना लिया है। युवा खिलाड़ी ने अपनी दमदार पारी के दौरान 14 चौके और चार शतक लगाए। वह मात्र 62 गेंदों पर 104 रन बनाकर रन आउट हो गए।

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